by Surinder Kaur | Jan 8, 2020 | Uncategorized
क्या बताये मिले हैं दोस्त हमे कैसे कैसे।कुछ दुआओ जैसे तो कुछ दवाओं जैसे ।दीदार एक तेरा इबादत बना है बस मेरीशख्स तो मिलते है रोज मुझे कैसे कैसे।हम ने ही गिला न कभी तुम से है कियाअजीयते सह गये सारी , हम जैसे तैसे।सादगी मेरी देखो तो खुदा तुमको माना,झुके सजदे में रहे हम...
by Surinder Kaur | Nov 27, 2019 | Uncategorized
कातिल को हमारे खुशी मिलती रहे हमेशा,रोज खुद को नया कफ़न पहनाते है।दुनिया ये सोचती है दिया रोशन करे रहगुजर।कौन जाने रोज ये दिल के दाग जलाते है।यादो के चिरागों मे अशको का तेल डालआह की आग से हम इनको जलाते है।उसकी जफाओ पे अब रोना नही आताअपनी वफाओ पे खुद को हँसाते है।चले...
by Surinder Kaur | Oct 19, 2019 | Uncategorized
एक दिन रूह मेरी तेरी रूह से मिलने आयेगी।। कभी मत कहना कि मुलाकात नही हो पायेगी।। गिले शिकवो का सिलसिला मत शुरू करना, प्यार की फिर कोई भी बात नही हो पायेगी ।। जुबां तो खुलेगी नही,गुफ्तगू तो होगी मगर इतनी सुंदर कभी कायनात नही हो पायेगी।। बहने देगे जी भर के अशक हम खामोशी...
by Surinder Kaur | Sep 2, 2019 | Uncategorized
हरियाली तीजआऔ तीज का त्योहार।करूं मैं सोलह सिंगार।सुन दिल की तू पुकार।आजा आई बहार ।। हाये रे।बरसे सावन घनघोर।नाचन लागे है मोर।मैं भी नाची रे सज्जनउठी है कैसी हिलोर।। हाय रेमेंहदी चूङी सजाई।पिया के मन भाई।चूङी बाजे छनछनकरे कंगना भी शोर।। हाय रे।मेघा जम के बरस।होगे पी...
by Surinder Kaur | Aug 10, 2019 | Uncategorized
रोज़ ढूँढने लगती हूँ वो ख़त–जो तूने कभी लिखा ही नही।रोज़ लिखती हूँ जवाब उसका–जो तुम तक कभीपहुँचा ही नही।रोज सोचती हूँ उस ख्वाब की ताबीर–जो कभी देखा ही नही।रोज़ गुनगुनाती हूँ वो गीत उल्फत का-जो तूने कभी गाया ही नही।रोज सुनती हू वो फसाना—जो तूने...