by Rachna Siwach | Jan 17, 2020 | Uncategorized
” फ़िर आज क्या देखा.. आपने! सपने में!”। ” अरे! आज, आज.. कुछ नहीं.. बस! बहुत सारी हरियाली सी और बारिश देखी थी।”। ” अच्छा! अब इस सपने का क्या मतलब है!”। ” greenery और बारिश देखना.. मैने सुना है.. अच्छा होता है”। अक्सर गहरी...
by Rachna Siwach | Jan 15, 2020 | Uncategorized
आज दिन तो मकर सक्रांति का है.. पर हमनें तिल के लड्डू, गाजर का हलवा वगरैह न बनाते हुए, कढ़ी चावल ही बना डाले हैं। मटर वाले पुलाव संग कढ़ी पकौड़ा। दअरसल जब भी हम कढ़ी बनाते हैं.. माँ के हाथ के कढ़ी वाले पकौड़ों का हल्का खट्टा सा रस मुहँ में भर जाता है.. जब भी हम अपनी...
by Rachna Siwach | Jan 15, 2020 | Uncategorized
” वाओ! आज तो साड़ियों में से कितनी अच्छी खुशबू आ रही है”। और अपनी नाक माँ के हेंगरों पर टंगी सारी साड़ियों से रगड़ दिया करते थे। बहुत प्यारी चार्ली परफ्यूम की खुशबू आया करती थी.. उन साड़ियों में से! माँ-और पिताजी कहीं भी पार्टी में जाने के लिए, तैयार...
by Rachna Siwach | Jan 14, 2020 | Uncategorized
एक प्लास्टिक का पेंसिल बॉक्स हुआ करता था.. एक जॉमेट्री बॉक्स होता था। पाँचवी क्लास तक जब तक pen शुरू नहीं हुआ था.. तब तक तो पेंसिल बॉक्स ही होता था.. पेंसिल, रबर और शार्पनर लिए। छठी क्लास में pen शुरू हुआ.. सबकुछ नया-नया सा लगने लगा था.. नए-नए ink-pen रखने लगे थे.....
by Rachna Siwach | Jan 10, 2020 | Uncategorized
” दिखाना हाथ..!”। ” बाद में..! चुप! इस पीरियड के बाद.. अभी मैडम देख रहीं हैं!”। ” अपना राइट हैंड दिखाना.. ठीक है!”। कक्षा में मौका मिलते ही.. हमारी यह अजीब सी चर्चा चालू हो जाया करती थी। चर्चा का विषय कोई ख़ास न होकर.. एक दूसरे के...