by Rachna Siwach | Jul 4, 2019 | Uncategorized
” एकबार माँ से मिलने समय निकालकर ज़रूर आ जाना”। सुनील ने अपनी बहन से कहा था। ” पर माँ की हालत में तो दिन रोज़ सुधार हो रहा है! न.. आपने बताया था!”। सुनीता का भाई से सवाल था। हाँ! पर एकबार मिलने में बुराई भी कोई नहीं है!”। ” ठीक है!...
by Rachna Siwach | Jul 2, 2019 | Uncategorized
सुनीता की urine infection वाली बात मुकेशजी ने सुन तो ली थी.. पर उन्होंने कहा कुछ भी नहीं था.. हाँ! सुनीता को यह ज़रूर दर्शा दिया था.. कि हो सकता है! अनिताजी को यही बीमारी हो.. जो सुनीता कह रही है। ऊपर वाले की यही मर्ज़ी थी.. कि सुनीता और अनिताजी बिल्कुल भी न मिलें.....
by Rachna Siwach | Jul 2, 2019 | Uncategorized
पिता के माँ से मिलने के लिए.. आने के लिये मना करने ने सुनीता को थोड़ी सी तसल्ली दिला दी थी.. कि ” चलो! अभी नहीं जाती.. जब पिताजी आने के लिये मना कर रहे हैं.. तो ठीक ही होंगी.. माँ! घबराने वाली कोई बात नहीं है!”। यह सोचकर सुनीता माँ से मिलने अभी नहीं गई...
by Rachna Siwach | Jun 30, 2019 | Uncategorized
” मैं भी चलता हूँ!! आपके साथ..!! थोड़ा ठहरिए! बेटे ने पिता से कहा था। ” अरे! नहीं कोई परेशानी वाली बात नहीं है.. चिंता मत करना.. मैं ही चला जाऊँगा! अगर कोई विशेष बात होती भी है. तो तुम्हें फ़ोन कर बता ही दूँगा”। बेटे-बहू को आश्वासन दिलाकर सीतारमन जी...
by Rachna Siwach | Jun 28, 2019 | Uncategorized
अनिताजी के और सुनीता के बीच अब अस्पताल से फोन पर ही वार्तालाप होने लगा था । ” ले! बेटा! अपनी माँ से बात कर ले! आज तो भाभी का जन्मदिन है.. इसलिए माँ के पास सभी बैठे हैं.. अब तो माँ की हालत में सुधार दिख रहा है.. भाभी ने माँ को जन्मदिन के नाम की खीर भी खिलाई...