खानदान 171

खानदान 171

” तेरे धोरे किमे तो होगा..!! बेटी एक फूटी कौड़ी नहीं है! घर में!”। दर्शनाजी ने रमेश के ख़र्चे के लिए पैसे देने से मना करते हुए.. कहा था। सुनीता का अंदाज़ा एकदम सही निकला.. दर्शनाजी और विनीत शुरू से एक ही निकले थे.. पिता को दिए हुए.. वचन,” घर बसा कर...
खानदान 171

खानदान 170

” हाँ! क्या हुआ..!! कौन से अस्पताल में..? बताया क्यों नहीं! अभी-अभी अम्मा से पता चला!”। प्रहलाद के फ़ोन पर विनीत का फ़ोन बजता है.. और विनीत क्या और कैसे हुआ.. अपने पिता का हाल ताऊ को फ़ोन पर बता देता है.. सुनीता प्रहलाद को रमेश के बारे में विनीत से बात...
खानदान 171

खानदान 169

रोज़ की तरह से ही रात को रमेश घर से बाहर गया था.. लेकिन आज घर से बाहर निकलने से पहले जमकर दोनों भाइयों और माताजी में हिस्से को लेकर झगड़ा हुआ था.. जिसके कारण रमेश काफ़ी ग़ुस्से में गर्म दिमाग़ लेकर तेज़ी से पूरी रफ़्तार के साथ घर से मोटरसाइकिल लेकर भागा था.. रमेश को...
खानदान 171

खानदान 168

बच्चे अब बड़े हो चले थे.. लेकिन परिवार में वही सब नाटक थे.. हाँ! रमेश पहले की तरह से घर में समय न बिता कर.. फैक्ट्री जाने लगा था। पर अब इस फैक्ट्री में जाने का कोई भी फ़ायदा नज़र नहीं आ रहा था.. विनीत सारा बिज़नेस समय रहते टेकओवर कर चुका था.. और रमेश को कम ख़र्चे में...
Your smile.. our passion

Your smile.. our passion

” आह.. ! आह..! उफ्फ..!” क्या करूँ..! सरसों का तेल और सेंधा नमक भी लगा कर देख लिया.. पर आराम ही नहीं आ रहा.. बहुत ही दर्द कर रहें हैं! ये नीचे के दाँत..! वही तो कल रात जो वो मसाले के चावल खा लिए थे.. न! लगता है! उन्हीं से इन्फेक्शन हो गया है.. मसूड़े तो...