by Rachna Siwach | Aug 2, 2019 | Uncategorized
जीवन की रेल चली है छुक-छुक बालपन के पहले स्टेशन से चली थी धीरे-धीरे रुक-रुक जोबन से गति पकड़ती चली थी छुक-छुक जोबन के स्टेशन को पार कर मन घबराया धुक-धुक अब बहुत आगे आ चुकी थी रेल चलते हुए छुक-छुक गुज़रे हुए स्टेशन अब बीती कहानी सुना रहे थे वृद्ध अवस्था का स्टेशन...
by Rachna Siwach | Aug 1, 2019 | Uncategorized
सोशल मीडिया इतना फैला है भाई! दूरी कब कम हुई समझ न आई पल भर में मन उड़ान भर लेता विदेशों तक दूर बैठे भी अपने लगते जैसे सामने बैठें हों भाई चैटिंग फेसबुक व्हाट्सएप ट्विटर दुनिया भर की बाढ़ है आई सोशल मीडिया खूब तरक्की कर रहा भाई इस तरक्की ने कहीं अपनापन छीन लिया...
by Rachna Siwach | Jul 29, 2019 | Uncategorized
” रक्षाबंधन आने को है..! सुन्दर राखियाँ खरीद लाना!”। ” अभी समय है! खरीद लाएंगे.. “। ” नहीं! आज ही.. courier से पहुँचने में वक्त लगता है.. पिछली बार भी हमारी राखी देर से पहुँची थीं”। ” चलो! भई! ठीक है.. जो हुक्म!”। पतिदेव...
by Rachna Siwach | Jul 29, 2019 | Uncategorized
पिताजी तुम्हारी याद सताई तुम्हारी याद में आँखे नम हो आईं अच्छा न लगा तुम्हारा यह फैसला हमें पर ईश्वर के आगे किस की चल पाई मन जानता है आपका वक्त कठिन बीत रहा होगा हिम्मत रखना ऊपर वाले के यहाँ सबकी सुनवाई आऊँगी मैं पिताजी तुमसे मिलने जहाँ बिठा आपको मेरा मायका बनाया है...
by Rachna Siwach | Jul 27, 2019 | Uncategorized
आँखों में नींद घुलते ही आ जाते हैं सपने मन प्रसन्न हो जाता है जब दिखते हैं सपनों में कुछ अपने हड-बड़ा कर बैठा देते हैं कुछ शादी-ब्याह के सपने ऐसा दिखने पर कुछ बुरा हो जाता है कहा करते थे कुछ अपने मन घबराकर व्याकुल हो जाता है जब दिखते हैं ऐसे सपने सारे दिन की मनःस्थिति...