by Rachna Siwach | Sep 17, 2019 | Uncategorized
ब्याह रचाया दो मेंढकों का बरखा को बुलाने ऐसा बंधन बंधा देखो भइया भोपाल हो गया पानी-पानी ब्याह करा ख़ुश कराया देवों को हे! देव देखो! ब्याह हो रहा अब बुला लाओ बरखा रानी देवों ने बुलाईं बरखा रानी ब्याह देख बरस गईं बरखा रानी इतनी झड़ी लगाई बरखा ने अब शहर में हो गया...
by Rachna Siwach | Sep 17, 2019 | Uncategorized
हिंदी-हिंदी से दूर भगाते और भविष्य को कान्वेंट दिखलाते नमस्कार और चरणस्पर्श से नाता तुड़वाते Hello gudevening good morning के निकट ले आते क ख ग सुनाना नई पीढ़ी का अपमान सा लगता A B C D कह गर्व सा पाते मत भूलो हे! भारतवासी ! आज हिंदी है मातृभाषा राष्ट्र की अपनी हिंदी...
by Rachna Siwach | Sep 17, 2019 | Uncategorized
” Hello! सर हैं..!”। ” नहीं मैडम.. सर तो नहीं आए आज!’। ” अच्छा! चलो.. ठीक है! मैं कब तक कॉल करूँ!”। ” आप शाम तक देख लिजिये!’। ” क्यों नहीं आए.. ऑफ़िस.. बोला था.. बारह बजे तक कॉल करके देख लेना… मेरा लैंडलाइन नंबर...
by Rachna Siwach | Sep 12, 2019 | Uncategorized
” बारह निकाल दे! कढ़ाई में से!”। कार में पीछे की सीट पर आराम से सो रही मैं.. अचानक से नींद से जगी थी। पिताजी की आवाज़ ने मेरी नींद खोल दी थी… देखा! हमारी कार हलवाई की दुकान के सामने खड़ी थी.. और पिताजी हलवाई को बारह समोसों का आर्डर दे रहे थे.. सोमोसों की...
by Rachna Siwach | Sep 11, 2019 | Uncategorized
” अरे! माँ! तुम…! आ जाओ! अंदर.. बाहर क्यों खड़ी हो..! कैसी हो तुम..?” और माँ मुस्कुरायीं थीं। गणपति विसर्जन का दिन नज़दीक आ रहा था.. और श्राद्ध पक्ष शुरू होने वाला था.. अचानक बैठे-बैठे माँ याद आ गईं थीं। समय का चक्र वक्त बदलते देर नहीं लगती.. बचपन से बडी...