तोहफ़ा

तोहफ़ा

शादी ब्याह की धूम मची है मेहमानों की भीड़ लगी है कौन सा तोहफ़ा देंगें वो अब तोहफों पर ही नज़र टिकी है क्या लाए हैं हम भी देखें तोहफ़ों की अब माँग बढ़ी है सोना लाए तो बढ़िया तोहफ़ा सोने के सेट की तोहफ़े में इज़्ज़त बढ़ी है तोहफ़े से मेहमानी आंके मेज़बान की नज़र बड़ी है...
यात्रा

यात्रा

धुंदली थीं पर प्यारी यादें छोटी थीं पर न्यारी यादें यात्रा करते जब संग में हम सब रेल की खिड़की पर चिपकते थे जब मईया हाथ से लेकर पूड़ी आलू के संग मलते थे जब छुक-छुक यात्रा करते आनी-जानी जगहों को तकते एक ही डिब्बे में उछल-कूद भी चलती  मस्ती करते यात्रा चलती ऐसी...
गोभी

गोभी

अब गोभी के दो प्रकार होते हैं.. फूल गोभी और अपनी पत्ता गोभी! और दोनों ही गोभी बनती भी ज़ायकेदार हैं! अगर सही ढँग से बनाई जायें तो! पर मित्रों यहाँ पर गोभी को बनाने की चर्चा नहीं होने वाली है.. यह तो बस! यूँहीं एक ख़याल मन में आया सो हमनें आज लिखने का विषय गोभी ही कर...
कंजक

कंजक

” बेटा उठो..! जल्दी से नहा-धोकर तैयार हो जाओ! आंटी बुला गईं हैं! अष्टमी की पूजा के लिए.. उनके घर जाना है!”। बात दीवाली से पहले वाले नवरात्रों की है.. जब हमें कन्या भोज का निमंत्रण दिया जाता था.. वैसे भी हमें नवरात्रों का इंतज़ार हमेशा ही रहा करता था.. खाने...

निगाहें

“अगला स्टेशन राजौरी गार्डन है!”। मेट्रो ट्रेन में लगातार स्टेशनों की अनाउंसमेंट होती चल रही थी.. पर हमारे कानों में जूं तक नहीं रेंग रही थी.. क्योंकि ये निगाहें दूर वहीं कहीं जा अटकी हुईं थीं.. जहाँ हम पिताजी से मुलाकात कर वापस लौट रहे थे.. कारागार no 7 एक...