लड्डू

लड्डू

सगाई शादी की शान है लड्डू ख़ुशियों की पहचान है लड्डू कई प्रकार के लड्डू आए सभी लड्डू थे मन को भाए पर सभी का राजा बना एक लड्डू नाम था जिसका बूंदी लड्डू मोतीचूर बहन थी जिसकी बड़ी बूंदी बन गया भाई उसी का रूप में रंगत खाने के रंगों से आयी पीला और नारंगी रंग स्वाद और...
कुल्फ़ी

कुल्फ़ी

गर्मी का मौसम था आया उमंग और छुट्टी संग में लाया मायके जाकर हमनें भी जो कुल्फ़ी का था! रंग जमाया भरा पतीला दूधों का जब चूल्हों रखा गाढ़ा होने दशहरी आम की कुल्फ़ी बनेगी हमसे बोली मइया प्यारी! हाँ! हाँ! मिला देंगे आख़िर में गुदा इसमें दूध होने दो तुम गाढ़ा प्यारी...
खेल

खेल

आओ! सखी री! खेलें खेल! तोड़ दें पिट्ठू मारकर गेंद लाल टुकड़ा था.. ईंट का पाया ख़ूब रगड़ सड़क पर स्टापू बनाया स्टोन गैलेरी में भी काम यह आया उसको भी बना घिस निपटाया ख़ूब निपुण थे! खेल में हम भी हर खेल में नाम था! ख़ूब कमाया पिट्ठू से पहुँचे  बैडमिंटन पर रैकेट...
पोहा

पोहा

मध्यप्रदेश के भोपाल शहर का नाश्ता बोला पोहा! पोहा! पोहा! पोहा! सवेरे खुशबू फैली हवा में हरी मिर्च का तड़का बोला राई चटकी चिड़िया चहक़ी भून गईं मूंगफली आलुओं ने प्रातः वंदन सा बोला दस-दस रुपए में बिक रहे थे दौने नींबू के रस ने स्वाद सा घोला हरे धनिये की खुशबू फैली...
समाचार

समाचार

” अरी! लगाइए! न्यूज़.! देखूँ ज़रा आज न्यूज़ में क्या है..!”। एक ज़माने में जब दूरदर्शन पर समाचारों का वक्त हुआ करता था.. तो घर में माहौल सा बंध जाया करता था.. विशेषकर जब हिंदी के समाचारों को पढ़ने.. सलमा सुल्तान या फ़िर अविनाश कौर सरीन जैसी योग्य समाचार...