by Rachna Siwach | Dec 14, 2019 | Uncategorized
हरे-भरे मटर के दानों से घिरा होता है.. सर्दियों का यह सीजन। अब जब मटर की बात होती है.. तो मटर पनीर का स्वाद दिमाग़ में नहीं आए.. ऐसा हो ही नहीं सकता। मुझे मटर-पनीर खाने का कम और बनाने का शौक हमेशा से ही रहा है। छुटपन में तो माँ के हाथ का ही स्वाद रहा.. पर जब से होश...
by Rachna Siwach | Dec 9, 2019 | Uncategorized
” ये. .. दिखाना सगाई की एल्बम! हम्म! काफ़ी अच्छी बनाई है!”। ” wow! सभी की तस्वीरें बहुत ही अच्छी आईं हैं!”। और एल्बम के पन्ने पलटते हुए.. एकबार फ़िर सगाई की पार्टी में, मैं जा शामिल हुई थी। ये सगाई मेरे बड़े भाई-साहब की थी.. इतनी धूम-धाम...
by Rachna Siwach | Dec 7, 2019 | Uncategorized
पाँच-पाँच किलो के पीले रंग के डब्बे घर में इकट्ठे हो जाया करते थे.. हरे रंग से डालडा लिखा हुआ होता था.. और एक मुझे अच्छे से आज भी याद है.. डब्बे पर एक हरे रंग का पेड़ भी बना होता था। भई! बचपन में डालडे से बने पराठें और पूड़ियाँ तो ख़ूब खायीं हैं। उन दिनों डालडे का ही...
by Rachna Siwach | Dec 7, 2019 | Uncategorized
” देख लो .. जो पसंद हो! कर लो आर्डर!”। ” हम्म…!”। ” अरे! क्या हुआ..! इतना टाइम नहीं लगाते.. फ़टाफ़ट करो आर्डर!’। ” लाओ! इधर दो! Menu कार्ड.. पहले सबके रेट देख रही होगी.. फ़िर सबसे सस्ता देख.. आर्डर करेगी! ऐसे नहीं किया...
by Rachna Siwach | Dec 3, 2019 | Uncategorized
शादियों का सीजन शुरू हो गया है.. किसी न किसी वेडिंग फंक्शन में आना-जाना लगा ही रहता है। शादी-ब्याह के फंक्शन का मुख्य आकर्षण होता है.. दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी। इस जोड़ी पर नज़र पड़ते ही.. अपना ज़माना याद आ जाता है.. अपने मुहँ मिया मिट्ठू होना अजीब सा लगता है. पर जब भी...