by Rachna Siwach | Aug 23, 2020 | Festivals Of India, Kahani
आप सभी मित्रों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं! आज से हमारे साथ ग्यारह दिनों के लिए गणपति महाराज विराजमान होने जा रहे हैं। आज मेहमान के रूप में घर में पधार कर.. अनेकों आशीर्वाद व अपने शुभ चरणों से हमारे जीवन रथ को अग्रसर करेंगें। बचपन दिल्ली में बीतने के कारण...
by Rachna Siwach | Aug 22, 2020 | Kahani
” वाओ! आज तो चिकन आया है.. घर में!”। ” हाँ! पर धीरे बोलो.. इसको सब समझ आता है”। अपनी कानू की तरफ़ इशारा करते हुए, हमने कहा था। दरअसल बच्चों का उस दिन बाहर से खाने का कुछ मन हो रहा था, मौसम तो अच्छा हो ही रहा है.. बस! तो पतिदेव काम...
by Rachna Siwach | Jul 30, 2020 | Kahani
“कितनी प्यारी है। हाऊ स्वीट! . भइया! ये यहीं रहती है.. क्या..? और बच्चे कहाँ हैं!”। बिटिया को स्कूल छोड़ने के लिए बस स्टॉप पर खड़ी मैने.. सामने कोठी मे चौकीदार के साथ प्यारी सी पप्पी को खेलते देख पूछा था। भूरे और सफ़ेद रंग की यह puppy वाकई में बहुत ही नटखट...
by Rachna Siwach | May 16, 2020 | Uncategorized
आमों का सीजन शुरू हो गया है। घर में भी आमों को लेकर डिमांड शुरू हो गईं हैं। कहीं से mango-shake बनवाने की आवाज़ आती है, तो कोई mango ice-क्रीम को लेकर बात कर रहा होता है.. और खाने के संग कटे हुए आम तो रोज़ के हैं, ही! युहीं आमों को काटते -छीलते और चखते मेरे ये...
by Rachna Siwach | Apr 13, 2020 | Uncategorized
दाल-मखनी, वही साबुत उड़द, माँ की दाल या काली वाली दाल.. कोई भी नाम दे सकते हैं। हम तो भई! सदा से ही साबुत उड़द कहते आए हैं। या फ़िर यूँ कह दिया करते थे.. ” माँ! आज वो काली वाली दाल बना देना!”। बहुत ही स्वादिस्ट दाल बनाती थीं.. माँ! यह काले उड़द। वो आजकल...