गोमती_नदी

वजूद खतरे में है पर सपने सजाए जा रहे हैं नदी तालाब बन गई है पर किनारे सजाए जा रहे हैं

वो कुमुद है न सूरज के खिल पायेगी

वो कुमुद है न सूरज के खिल पायेगी मैं तो चंदा हूं कैसे वो मिल पाएगी जब मैं हो कर जवा चांदनी से खिला वो तो मारे हया से सिकुड़ जाएगी मैं तो चंदा हूं कैसे वह मिल पाएगी वह कुमुद है न सूरज के खिल पायेगी मैं तो चंदा हूं कैसे वो मिल पाएगी जब...