” नमस्ते आंटी!”।
” नमस्ते! अरे वाह! दुल्हन तो आज आप ही लग रहीं हैं!”।
” thankyou.. aunty!”।
घर के शादी के फुंशन में शामिल हुए थे.. पहले तो सोचा यूँहीं सिंपल सी पर थोड़ी ठीक साड़ी पहन कर चलते हैं.. पर दूसरे ही पल विचार आया था.. नहीं! ख़ूब अच्छे से तैयार होकर चला जाए.. और अपने ही ब्याह वाला लहँगा पहन.. ख़ास बन जा पहुँचे थे.. शादी के पंडाल में..
entry गेट पर ही दुल्हन वाला कॉम्पलिमेंट सुन.. हमारे तो चेहरे की चार गुना रौनक और भी बढ़ गयी थी।
गहनों से सजधज कर बाराती और घरातियों के संग पंडाल की सजावट और भोजन वयवस्था को देखने के लिए चारों तरफ़ नज़र घुमाई थी.. सभी कुछ एकदम बढ़िया था।
इस शादी पार्टी में एक ख़ास बात यह हुई थी.. कि सभी की नजरें हमारी तरफ़ ही टिक गईं थीं..
हमारे इस शादी वाले ख़ास लुक ने.. महमानों को जानने के लिए उत्सुक सा कर दिया था.. और कुछ लोग तो पूछ भी बैठे थे..
” excuse me! आप लड़के वालों की तरफ़ से या फ़िर…’।
” लड़की वालों की तरफ़ से!”।
मुस्कुराते हुए.. और कुछ पलों के अपने दुल्हन वाले लिबास और अंदाज़ पर घमंड करते हुए.. हमनें उत्तर दिया था।
बहुत दिनों के बाद हम भी अपने-आप को इस रूप में देख.. फूला नहीं समा रहे थे..
इस ख़ास मौके पर अपनी खूबसूरती को कई फोटोग्राफ्स में हमनें संजो कर रख लिया था।
दूल्हा-दुल्हन और शादी के कार्यक्रम एक तरफ़ थे.. और हमारा अपने-आप को ही लेकर एक अलग सी दुनिया बसाना और सेल्फियों में खो जाना कुछ अलग ही चल रहा था।
खैर! जो भी था.. बहुत दिनों बाद शादी में मस्त एन्जॉय कर.. घर आकर अपने साज श्रृंगार की फोटोज़ पोस्ट करना नहीं भूले थे..
ऐसा नहीं है.. सच में ही किसी दुल्हन से कम न लग रहे थे.. मन इतना ख़ुश हुआ.. कि रह-रह कर अपनी वही फोटोज़ अभी तक समय मिलते ही निहारते रहते हैं।