पाँच, छह, आठ, दस
खेल चल रहा लाखों
का
पाँच, छह, आठ दस
ज़मीर बिक रहा
लाखों में
पाँच, छह, आठ, दस
बोली लग रही
लाखों की
गुनाहगार परिन्दे बन
घूम रहे
जान परवान चढ़
रही मासूमों की
पाँच, छह, आठ, दस
बोली लग रही
लाखों की
कानून बिक रहा
लाखों में
सुनवाई हो रही
लाखों की
मासूम शिकंजे में
आ रहा
कयों बोली
लग रही
लाखों की
पाँच, छह, आठ, दस
आओ मिलकर
बंद करें यह
खेल लाखों
का
आगे कदम
बढ़ाने होंगें
रोकना होगा
दरिन्दों को
है! समाज में
रहने वालों
बंद करो
मानवता का
यह सौदा
कानून को
मेला कर
रहा
यह लाखों
करोड़ों का
यह सौदा।