जिंदगी तेरी हर अदा कातिलाना है।
आगे तू,और पीछे तेरे ये जमाना है।
कभी रूलाती,कभी हंसाती है तू रे
तेरे पास हर वक्त एक नया बहाना है।
किसी को राजा,कोई भिखारी बना दे,
बहुत देर से तेरा ये अंदाज पुराना है।
रोज नई राहे दिखला देती है हमको
इसी लिये ये सफर तेरा,सुहाना है।
मानती हू बेमिसाल है तू ऐ जिंदगी
मौत ही लेकिन आखिरी ठिकाना है।
सुरिंदर कौर