Site icon Praneta Publications Pvt. Ltd.

अब्बू

abbu

यह कहानी है दंगा पीड़ित यतीम फरजाना की और उसके पालक पिता करतार सिंह की.

एक मुस्लिम और दूसरा हिन्दू के बीच पनपते बाप और बेटी के रिश्ते की. समाज के कुछ लोग इसे सराहते और कुछ लोग इन्हें दुत्कारते पर इनका आपस का रिश्ता दिन-ब-दिन निखरता चला गया.

तभी तो मासूम फरजाना को दुआ करते देख करतार ये कहते –

माहे रमजान में जब तेरे हाथ दुआओं के लिए ऊपर उठता होगा खुद को तेरे करीब लाने यह आसमान कुछ ना कुछ तो झुकता होगा.

Exit mobile version