Site icon Praneta Publications Pvt. Ltd.

सगाई

ring ceremony

” ये. ..  दिखाना सगाई की एल्बम! हम्म! काफ़ी अच्छी बनाई है!”।

” wow! सभी की तस्वीरें बहुत ही अच्छी आईं हैं!”।

और एल्बम के पन्ने पलटते हुए.. एकबार फ़िर सगाई की पार्टी में, मैं जा शामिल हुई थी।

ये सगाई मेरे बड़े भाई-साहब की थी.. इतनी धूम-धाम से हुई थी.. कि इलाके में यादगार बन कर रह गई थी..

” अरे! सहाब ये पापड़ हैं.. रोटी और पूड़ियाँ यहाँ हैं”।

पार्टी में खाने की इतनी ज़बरदस्त वैरायटी थी.. कि कुछ मेहमान तो रोटी की बजाय.. पापड़ों पर ही जम गए थे।

पूरे सगाई के हॉल में परी की तरह से घूमती फ़िर रही थी.. मैं।

एक्सक्लूसिव लाचा पहन और बालों का रॉल्स वाला hairstyle बना.. सगाई के फंक्शन का ख़ास आकर्षण बनी हुई थी.. मैं।

आख़िर लड़के की बहन जो थी।

” अरे! आंटी..! आप तो बहुत ही स्मार्ट लग रही हैं! आप तो सास जैसी लग ही नहीं रहीं!”।

माँ को मेरी सहेलियों ने कॉम्पलिमेंट दिया था। माँ होने वाली सास कम.. और किसी फ़िल्म की हीरोइन ज़्यादा लग रहीं थीं।

जैसे-जैसे अंगुलियाँ एल्बम के पन्ने पलटती जा रहीं थीं.. पार्टी का दृश्य उसी तरह से आगे बढ़ रहा था।

घर मे पहली सगाई थी.. पिताजी ने उसी तरह से ज़बरदस्त पार्टी का इंतज़ाम भी किया था।

मज़े की बात तो यह थी.. कि महमानों ने पानी की जगह कोल्ड्रिंक ही कोल्ड्रिंक जम कर पी थी।

मैने भी अपनी स्कूल की सहेलियों को निमंत्रण दिया था.. मेरी सहेलियाँ भी देखतीं ही रह गयीं थीं.. अरे! मुझे पार्टी में! और कहना ही पड़ा था..

” आज तो एकदम अलग और स्पेशल लग रही है!”।

और मैं मुस्कुराते हुए.. और ज़्यादा शान सी में आ गयी थी।

अब एल्बम के आख़िरी दो पन्ने निहार रही थी.. मैं..

भाईसाहब के तिलक की तस्वीरें थीं..

अरे! हाँ! सगाई के फंक्शन में उन्होंने भी आख़िर में बढ़िया नाच किया था।

बहुत ही अच्छा फ़ोटो आया था.. नाचते हुए.. दोनों हाथ ऊपर किए हुए.. उनका!

दावत, पार्टी तो खानदान में उसके बाद बहुत हुईं..

पर मेरे भाई की सगाई की दावत इलाके में एक छाप बन कर रह गई।

Exit mobile version