टैड के साथ अगली मीटिंग उसके फार्म हाउस पर लेट शाम को हुई थी।
सर रॉजर्स टैड का फार्म हाउस देख कर असमंजस से भर आए थे। अकेले टैड ने अपने रहने के लिए जो फार्म हाउस बनाया था वो बिलकुल उसकी अपनी मानसिकता को उजागर करता था। जिस टैड से सर रॉजर्स वियतनाम में मिले थे वही टैड आज उनके साथ था। वह बिलकुल नहीं बदला था।
“आप की विस्की की ब्रांड मुश्किल से मिली है।” टैड बता रहा था। “मुझे याद है कि उन दिनों आप ..”
“हां! तब मैं बहुत पी लेता था। तुम तो जानते हो कि ..”
“मैंने तो ये रोग पाला ही नहीं सर!” टैड हंस रहा था। “वूमन इज नॉट माई टाइप ऑफ गेम।” उसने स्पष्ट किया था। “पॉलिटिक्स जोइन करने का मेरा एक ही उद्देश्य था – देश सेवा।”
“मैं तुम्हारी बहुत इज्जत करता हूँ टैड।” सर रॉजर्स गंभीर थे। “तुमने अमेरिका के लिए ..”
“आई लिव विद ए बिगर एम सर हाहाहा। आपने जैसे ही मुझे सचेत किया फिर मैंने विलंब नहीं किया। सारी परतें उखाड़ लीं इस ब्लडी जालिम की। ये लीजिए एक कॉपी आप के लिए है।” टैड ने एक छोटी फाइल सर रॉजर्स को थमा दी थी।
“पैरावाइज पढ़ते हैं फाइल को।” सर रॉजर्स का सुझाव था। “मैं जानता हूँ तुम कितने मेहनती हो।” हंसे थे सर रॉजर्स। “तब भी तो तुम ..” सर रॉजर्स ने पिछली यादों की ओर इशारा किया था।
पहले पैरा में डॉलर की जगह स्वर्ण मुद्रा का हवाला था। जालिम ने पेपर करंसी को फ्रॉड बताया था। दूसरे पैरा में उसने बताया था कि धर्म जैसा कुछ नहीं होता। यह लोगों को गुमराह करने वाला एक फरेब है। ईश्वर कोई नहीं है, कहीं नहीं है। किसी भी धर्म का कोई जिक्र नहीं होगा। तीसरे पैरा में एक सीमा रहित विश्व की परिकल्पना थी। एक गांव जैसी दुनिया जहां आना जाना फ्री होगा। कोई कहीं रहे, जी चाहे जैसे रहे कोई रोक टोक नहीं। चौथे पैरा में लिखा था – गरीबी अमीरी कुछ नहीं। सब एक समान। कोई भी अरबपति या खरबपति नहीं होगा। सिविल सर्वेंट रिटायर नहीं होगा। वो जीवन पर्यंत सरकार की सेवा में रहेगा। न्याय प्रक्रिया पंचायतों द्वारा होगी। तीन दो का पंच फैसला मान्य होगा। कोई अपील नहीं होगी। दोषी को समाज बाहर की सजा मिलेगी। वो लेबर क्लास के तहत आजीवन समाज सेवा करेगा। आमोद प्रमोद के लिए आनंद लोक बनाए जाएंगे। जो भी चाहे एक सप्ताह या दस दिन के लिए वहां जाए और मन चाहा आनंद ले। मैडीकल फ्री होगा।
सर रॉजर्स ने पूरा मसौदा पढ़ने के बाद लंबी सांस ली थी।
“बहुत ही आकर्षक है, भ्रामक है और मिसलीडिंग है। लोग बहकेंगे। दुनिया बिखर जाएगी टैड।”
“पर इसका उल्लू तो सीधा हो जाएगा सर। ये अपनी डायनैस्टी कायम कर लेगा। इसके बच्चे फिर उन बच्चों के बच्चे – राज तो उन्हीं का रहेगा।”
“यही तो असल गेम है जालिम का।” तनिक हंसे थे सर रॉजर्स। “लेकिन परिवर्तन तो आता है। लैट्स थिंक कि हम और क्या-क्या परिवर्तन लाएं ताकि ..” सर रॉजर्स की मांग थी।
“पहले तो हमें इस जालिम का ही इलाज करना होगा सर।” टैड का सुझाव था। “इससे पहले कि दुनिया पर छा जाए लैट्स .. लैट्स ..”
“नो टू किल।” सर रॉजर्स ने हाथ उठा कर कहा था। “वी कीप दिस क्लाउन टू शो दि पीपुल हिज रियल सैल्फ।” सर रॉजर्स ने मांग की थी। “प्लैन टू फाइट विद जालिम और उसका एग्जीक्यूशन तुम अपने तंत्र द्वारा चलाओ और फाइल करो। फिर हम दोनों बैठ कर सरकार और स्काई लार्क की जिम्मेदारियां तय करेंगे।”
“दैट्स फेयर।” टैड मान गया था। “मैं आपको बुला लूंगा सर।”
“लैट इट बी ऑन प्रिओरिटी टैड।” आग्रह किया था सर रॉजर्स ने।
“आपका हुकुम मैं मोड़ कैसे सकता हूँ सर।” टैड ने हंस कर कहा था।
एक अति आत्मीयता के साथ दोनों देश भक्तों ने विदा ली थी।
सैनिक स्वभाव से वफादार होता है। देश और समाज के कल्याण के लिए समर्पण उसके खून में आ जाता है।
टैड द्वारा दी फाइल को लेकर सर रॉजर्स खुश-खुश लौटे थे।
“इस फाइल की लिमिटिड कॉपियां बना कर सब को बांट दो लैरी।” सर रॉजर्स ने हुक्म दिया था। “सब को बताओ कि फाइल पढ़ने के बाद अपनी-अपनी राय दें। फिर हम सब साथ-साथ बैठ कर कोई कारगर योजना बनाते हैं। टैड अपनी सरकार द्वारा योजना बनाएगा और फिर हम दोनों एक फाइनल प्लान दोनों की सहमति के साथ बनाएंगे।” सर रॉजर्स ने अगली कार्यवाही के संकेत दिए थे।
“सर, इसके बाद तो सब सरकार का हो जाएगा।” माइक बीच में बोला था। “मैं तो जानता हूँ सरकार की मानसिकता। स्काई लार्क को तो पूछेंगे तक नहीं।” उसने अपना अनुभव बताया था।
बात सभी उपस्थित लोगों की समझ में आ गई थी। सरकार तो सफेद हाथी था – सब जानते थे। उनके हाथ में मामला जाने के बाद में तो सब उनका ही हो जाना था।
“सब पर सरकारी मोहर लग जाती है सर।” हंस कर कहा था मूडी ने। “हम सब भी फिर तो उनकी कलम के नीचे होंगे।”
“मेरी डीलिंग टैड के साथ हैं, सरकार के साथ नहीं।” सर रॉजर्स ने बात साफ की थी। “टैड मेरा भक्त है।” वो मुसकुराए थे। “हमने साथ-साथ जंग जो लड़ी है।” गर्व के साथ बताया था सर रॉजर्स ने।
सर रॉजर्स की बात में दम था। लेकिन फाइल पढ़ने के बाद सभी असमंजस में थे और सारे के सारे एक स्वर में जालिम की दूरदर्शिता का गुणगान करते लगे थे। जनता ने जालिम को नहीं छोड़ना था – अमेरिका के कहने पर।
सोफी खुश नहीं थी। राहुल उसे मनाने में लगा हुआ था। वह जालिम की हर चाल पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा था। लेकिन सोफी की समझ में एक ही बात आ रही थी कि जालिम तो देश दुनिया को लेकर बैठ जाएगा और अमेरिका और स्काई लार्क देखते रह जाएंगे।
“सर मैं जब सरकार में था तो मेरे पास अलग से कुछ सूचनाएं आई थीं।” माइक बताने लगा था। “ये फाइल है मेरे पास, इसमें जालिम की जन्म कुंडली लिखी है। ये जालिम एक नम्बर का अइयाश है सर। इसकी अइयाशी का ठिकाना इंडिया है। दिल्ली में जा कर किसी पांच सितारा होटल में ठहरता है, और शिकार करने हैदराबाद जाता है। अरब से आए लोग भी वहीं जाते हैं। औरते – नाबालिग बच्चियां वहां सस्ती मिलती हैं। उनके पेरेंट्स उन्हें बेच देते हैं। ये लोग उनके साथ व्यभिचार करते हैं और फिर अनाचार भी करते हैं। उन्हें मार भी देते हैं।” रुका था माइक।
सर रॉजर्स की त्योरियां चढ़ गई थीं। उन्हें आश्चर्य हो रहा था कि ये जालिम जो लंबी-लंबी बातें हांकता था, एक अमानुष था।
“सर इसके ग्यारह बच्चों को उनकी मां का पता तक मालूम नहीं है। एक ही औरत रक्खी है इसने। लेकिन उसका कोई बच्चा नहीं है।” माइक ने खबर दी थी।
“एंड दैट इज अवर किलिंग ग्राउंड।” मूडी उछल पड़ा था। “लैट्स किल दिस बास्टर्ड इन इंडिया?”
“मूडी।” सर रॉजर्स तनिक मुसकुराए थे। “याद रहे, हमें जालिम को जिंदा पकड़ना है।”
“मैं पकड़ूंगी इसे जिंदा।” सोफी बीच में कूद पड़ी थी। “ही इज माई टारगेट।” उसने ऐलान किया था।
एक बारगी सभी सोफी को देखते रहे थे। राहुल भी सकते में आ गया था। सोफी अपने वायदे की पक्की थी – यह तो सभी जानते थे। लेकिन जालिम से सीधा लोहा लेना सोफी के बस की बात नहीं थी – ये भी लोग मान रहे थे।
“जब टारगेट अलौट होंगे तब इसका निर्णय लेंगे सोफी।” सर रॉजर्स ने त्रुप लगाई थी। “इस प्लान में अलग से किसी का कुछ नहीं हैं।” उन्होंने स्पष्ट कहा था।
सोफी ने सहायतार्थ राहुल की आंखों में झांका था।
“सर, इस मिशन को तो मैं और सोफी ही पूरा करेंगे।” राहुल बोल पड़ा था। “हमारे लिए इस टारगेट को सुरक्षित रखिए।” राहुल ने आग्रह किया था। “इससे पहले कि ये अमानुष एक रक्ष रंस्कृति को इस संसार में रोपे हम इसे ..”
“नो टू किलिंग – माई डियर!” सर रॉजर्स ने फिर से चेतावनी दी थी। “आई वांट हिम अलाइव।”
अब सोफी प्रसन्न थी। उसने निगाहों से राहुल का आभार व्यक्त किया था।
मेजर कृपाल वर्मा रिटायर्ड