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रजिया भाग 33

रज़िया, Razia

कई दिनाें की गहमागहमी, तर्क वितर्क और राय मशविदाें के बाद कई लाेमहर्षक तथ्य सामने आए थे। सर राॅजर्स के सामने एक आश्चर्य की तरह तीसरा विश्व युद्ध आ खड़ा हुआ था। युद्ध न लड़ने का उनका लिया संकल्प कांप-कांप उठा था। जालिम अकेले एक अमेरिका के लिए ही नहीं पूरी दुनियां के लिए एक चुनाैती था।

ताे क्या दूसरे विश्व युद्ध के बाद फिर कभी न लड़ने का उनका संकल्प व्यर्थ था? ताे क्या ..?

“नहीं-नहीं! अकेला अमेरिका नहीं लड़ पाएगा ये युद्ध, राॅजर्स!” उनका विवेक था जाे बाेल पड़ा था। “जालिम एक व्यक्ति नहीं है, वह एक कल्ट बन चुका है। वह एक साम्राज्य है। वह जमीन पर टिका है। वह काबिज है और धधक रहा है। हल्के में मत ले लेना!”

फिर से एक आजादी की लहर उठ खड़ी हुई थी। अब न जाने और क्या चाहते थे लाेग?

“मेरी अब समझ में आया है मित्राें कि क्याें जालिम ने पूरे ग्लाेब काे ग्यारह भागाें में बांटा है। उसके चार बेटियां और सात बेटे हैं। इन ग्यारह रानी और राजाऒं के बीच उसने सारी धरती काे बांट दिया है। अब उनका राज धरती के चप्पे-चप्पे पर है।” सर राॅजर्स चुप हाे गए थे।

हाॅल में सन्नाटा भर आया था। जमा लाेग एक खाैफ से भर गए थे। जालिम राज का भूत उन सब के सर आ चढ़ा था। कुछ अनिष्ट जैसा था जाे दुनिया में घट जाना चाहता था – अनजाने में और अनचाहे में।

“वाॅट डू यू से, लैरी?” सर राॅजर्स ने लैरी से प्रश्न पूछा था। वह जानना चाहते थे कि क्या काेई आम राय बन सकती है – जालिम काे मिटाने की?

“वाॅर!” लैरी बाेला था।

“यू मीन ए वर्ल्ड वाॅर? यू से – ए ग्लाेबल वाॅर?” सर राॅजर्स ने लैरी से फिर पूछा था।

“आई थिंक साे सर।” लैरी ने अपने सुझाव के प्रति सहमति जताई थी।

जमा लाेग सकते में आ गए थे। अब एक शांति का सुख भाेग रही दुनिया में युद्ध काैन लड़ना चाहेगा? किसी काे क्या तकलीफ थी जाे युद्ध के भयानक विध्वंस के लिए सामने आएगा?

“स्काई लार्क और तीसरा वर्ल्ड वाॅर?” मूडी का प्रश्न था। वह हंस रहा था। “एक चींटी काे मारने के लिए तलवार उठाना?” उसने उपहास किया था।

लाेग भी हंस पड़े थे। लाेगाें काे एक राहत महसूस हुई थी। मूडी ने जैसे सब का संकट हर लिया था। जालिम काेई बड़ी ताेप नहीं थी – मूडी ने स्पष्ट कर दिया था।

लेकिन राहुल की आंखाें में घाेर अंधेरा सिमट आया था।

“क्या साेचते हाे कि जालिम ..?” साेफी राहुल काे पूछ रही थी।

“यस-यस। जालिम हैज बिकम ए कल्ट साेफी। सर ठीक साेच रहे हैं। हमने भी ताे देखा है कि रानी डूडाे रूस में है ताे रस्टी फ्रांस में और रूडाे इंडाेनेशिया में राज कर रहा है। एक आश्चर्य नहीं है क्या? अगर लाेग उनके साथ हैं ताे?”

“सत्ता हमारे साथ है?” साेफी ने प्रति प्रश्न किया था।

“फिर ताे सत्ता से लाेग लड़ेंगे हमेशा की तरह। जंग ताे हाेगी साेफी।” राहुल ने अपना मत पेश किया था। “और अमेरिका अकेला नहीं लड़ पाएगा – सर ठीक साेच रहे हैं।”

साेफी निराश हाे गई थी। उसे लगा था कि उसका अपना सपना – जालिम काे पछाड़ कर बंदी बना लेना और सर राॅजर्स के सामने ला खड़ा करना, मिथ्या साबित हाे गया था।

सपने सच हाेते कब हैं?

सर रॉजर्स की आंखों के सामने वियतनाम में होती जंग का मंजर उठ खड़ा हुआ था।

“कम्युनिस्टों के खिलाफ लड़े थे वियतनाम में जंग।” उन्हें याद आ रहा था। “नई आइडियोलॉजी थी तब कम्यूनिज्म। पूंजीवाद के खिलाफ डंका बजा था पूरे विश्व में। पूरा जनमानस कम्यूनिस्टों के साथ आ गया था। क्यूबा में अमेरिका के सामने कम्यूनिस्टों ने जंग जोड़ दी थी। पूरी दुनिया दहल गई थी।” सर रॉजर्स को सब कुछ याद आता जा रहा था।

कितना कठिन होता है किसी नई कल्ट से जंग लड़ना। गोला बारूद, हथियार और सेना से अलग कुछ और चाहिए इस तरह की जंग जीतने के लिए – सर रॉजर्स का अनुभव बता रहा था। जालिम ने फिर से पूंजीवाद को बदनाम कर अमेरिका को कटघरे में ला खड़ा किया है। डॉलर का मजाक बना कर लोगों को बताया है कि कैसे अमेरिका ने कागज की नाव पर पूरे विश्व को बिठा कर डूबने के लिए गरीबी और बेकारी के समुंदर में अकेला छोड़ दिया है। लोग जब डूबेंगे तब समझेंगे।

कैसे समझाएं लोगों को हम कि जालिम फरेब खेल रहा है? कौन सी लहर लाए अमेरिका जो फिर से लोगों का विश्वास जीत ले? जालिम के दिखाए सपने से कोई बड़ा सपना हमें लोगों को दिखाना होगा और बताना होगा कि अकेला अमेरिका ही है जो उनका हित चिंतन कर सकता है। जालिम फ्रॉड है, जालिम जल्लाद है, जालिम हत्यारा है और जालिम डकैत है। जालिम की धन माया लूट का माल है – अमेरिका की तरह गाढ़ी कमाई नहीं है।

“गलत सोच रहे हो मूडी।” सर रॉजर्स ने अपने सोच को सामने रखना चाहा था। वह बताना चाहते थे कि जालिम अकेले स्काई लार्क के बस की बात नहीं था। “हमारे दस पांच आदमियों की टीम जालिम का बाल भी बांका न कर पाएगी।” उन्होंने स्पष्ट कहा था। “जालिम का जहर पूरे विश्व में फैल चुका है।” वह फिर से बताने लगे थे। “इसका इलाज भी विश्व स्तर पर ही संभव है।” उनकी राय थी।

“यू मीन सर कि हमें अपना अभियान छोड़ना पड़ेगा?” लैरी ने पूछा था।

“नहीं!” सर रॉजर्स बोले थे। “हमें पूरे विश्व की ऐजेंसियों को विश्वास में लेना पड़ेगा और अमेरिका को भी हमारे साथ आना होगा।” सर रॉजर्स ने युक्ति बताई थी। “जालिम ने पूरी दुनिया के जन मानस को जो बताया है, हमें उसके बर खिलाफ अपनी बात उन तक पहुंचानी होगी।”

“सर ये तो असंभव सी बात है। स्काई लार्क ..” राहुल से रहा न गया था तो बोला था। “ये जालिम यूं न मरेगा सर।”

“उसे मारना ही तो नहीं है राहुल।” हंस गए थे सर रॉजर्स। “उसे हमने हासिल करना है और दुनिया को दिखाना है कि वो है क्या चीज?”

“और .. मैं .. मैं उसे जिंदा पकड़ कर ..” सोफी गरजी थी। उसे लगा था जैसे उसका शिकार उसके पंजे में आ गया था।

“होल्ड यौर हॉर्सेज सोफी।” जोरों से हंसे थे सर रॉजर्स। “ही इज नॉट ए स्मॉल फ्राई, माई डियर।” उन्होंने सोफी को चेताया था। “लैट्स कॉल अमेरिका फॉर हैल्प।” उनका सुझाव आया था।

“अमेरिका हमारी मदद क्यों करेगा सर?” लैरी बोल पड़ा था। “हम लोग पहले ही सरकार से सर खपा चुके हैं। वहां कोई हमारी बात सुनता ही नहीं।” उसने शिकायत की थी।

“आई नो टैड।” हंसते हुए सर रॉजर्स बोले थे। “हम दोनों वियतनाम में साथ-साथ लड़े थे। ये मेरा सौभाग्य है कि टैड आज अमेरिका का सरताज है।” सर रॉजर्स ने लैरी की हिम्मत बढ़ाई थी।

निराश उदास स्काई लार्क में अचानक ही आशाओं के चिराग रौशन हो गए थे। नई रौशनी ले आए थे सर रॉजर्स।

मेजर कृपाल वर्मा रिटायर्ड

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