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हकीम

water

अस्वस्थ हूँ

मैं

याद तुम्हें

आज करती

हूँ!

कहाँ से

लाऊं

नीम हकीम

तुम जैसा

कोई

मिलता नहीं

तुम्हारे स्पर्श

और बोलों

से ठीक

हो जाया

करती

तुम जैसा

हाकिम कोई

अब

मिलता नहीं

इस चलती

हवा के

संग

घूम फ़िर

और छुपकर

तुम आज

मेरे लिए

हकीम बन

आ जाओ

माँ!

चुपके से कोई

नई दवा

दे मेरा

मर्ज

उड़ा जाओ

माँ!

मैं बैठी

तुम्हारे आने

और तुम्हारी

दवा का

इंतज़ार करूँगी

तुम आज

फ़िर मेरी

ख़ातिर हकीम

बन आजाओ

माँ..!!

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