करूं मैं सोलह सिंगार।
सुन दिल की तू पुकार।
आजा आई बहार ।। हाये रे।बरसे सावन घनघोर।
नाचन लागे है मोर।
मैं भी नाची रे सज्जन
उठी है कैसी हिलोर।। हाय रेमेंहदी चूङी सजाई।
पिया के मन भाई।
चूङी बाजे छनछन
करे कंगना भी शोर।। हाय रे।मेघा जम के बरस।
होगे पी के दरस।
कहाँ है रे हाय तू
हाय मेरा चितचोर।। हाय रेसुरिंदर कौर