‘देश में निकला होगा चाँद’ के बाद यह डॉ. प्रजापति का दूसरा कहानी संग्रह है. इस शीर्षक से ही कहानीकार के वास्तुपरक संकल्प और यथार्थ में निहित मनोदृष्टि के सारे तन्तु लक्षित होते है. ‘उजाले की तलाश’ कहानी सिर्फ बीबी जी की तलाश पर ख़त्म नहीं होती बल्कि उसमे रिश्तों की नव्यता के बीच ख़ुशी के खजाने हैं, मानवीय संबंधों की सघनता है.