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Rangpuri

Rangpuri Novel by Major Krapal Verma
कॉमन क्लब में बैठी करिश्मा अलका के आने का इंतजार कर रही है|करिश्मा को वक़्त की पाबंदी अच्छी लगती है| सेना में लोग इसे बहुत महत्त्व देते हैं| लेकिन यहाँ आकर उस ने महसूसा है कि लोग लेट आना अपनी शान समझते हैं| फिर भी करिश्मा को आज धीरज से काम लेना है| आज वह ब्रिगेडियर के के की पत्नी तो जरुर है पर बात बदली हुई है| आज का दिन उस की ज़िन्दगी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है| आज उसे अपनी बेटी जैसी का रिश्ता तय करना है| आज जैसी को देखने अलका आ रही है| उस के साथ उस का बेटा जसवंत तो जरुर ही आएगा| और कौन आएगा …करिश्मा को पहली बार आज इस सर्दी की ठिठुरती शाम को पसीना आता लग रहा है| वह बहुत नर्वस हो रही है| उस के होंठ संवाद बोलने से पहले न जाने क्यों काँप जाते हैं| न जाने क्यों आज वह आनेवाली महिला – अलका से डर रही है|
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