विकासशील देशों में महिलाओं के विकास के बगैर समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है| पारिवारिक स्तर पर गुणवत्ता बढ़ने के लिए महिलाओं को शिक्षित, आर्थिक रूप से स्वावलंबी एवं सामाजिक स्तर पर शशक्त होना आवश्यक है| उनकी समाज में इस छवि से पारिवारिक स्तर पर गुणवत्ता का स्तर बढेगा तथा जिससे लोगों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी व् देश के उत्पादन व् आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे| इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के विकास के लिए शाशन द्वारा समय-समय पर महिला कल्याण ततः उनके आर्थिक विकास एवं शशक्तिकरण के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन करती रहती है| जिससे की महिलाऐं आर्थिक रूप से शशक्त हो सकें|