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मै उस कगार पर हूँ

mae us kagaar par hun - premlata nijhavan

कविता, संगीत और चित्रकला का आपस में एक गहरा रिश्ता है. जहाँ कविता है वहां संगीत है और जहाँ चित्रकला है वहां कविता भी है. इन तीनो अभिव्यक्तियों का यदि जीवन के साथ कहीं गहरे में एक तादात्म्य स्थापित हो जाय तो फिर कहना ही क्या! जीवन कितना सुन्दर, कितना आनदमय हो उठता है.

जहाँ भविष्य के सपने हैं वहां अतीत की यादें भी तो हैं. फिर कविता कैसे न साथ होगी. इन्ही से तो कविता जन्मती है. भीतर की अनुभूति को व्यक्त करने और समझने का एक शशक्त माध्यम है कविता.

 

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