“मै थक गया हूँ” काव्य मेरा प्रथम प्रयास है. बचपन से ही मुझे कविता से अनुराग था, रूचि थी, जो आगे चलकर मेरी जिंदगी का अभिन्न अंग बन गई, जिजीविषा का चिंतन-मनन और ह्रदय का स्पंदन बन गई. मैने जीवन में जो देखा, सुना, भोग, वाही इस संग्रह की कविताओं का मूलभाव है!