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Kale Karname By Suryakant Tripathi Nirala

kale karname by suryakant tripathi "nirala"

सूर्य कान्त त्रिपाठी “निराला” जी का जन्म सन १८९६ वसंत पंचमी के दिन हुआ था| आपके जन्म की तिथि को लेकर अनेक मत प्रचिलित हैं| आपके पिता महिषादल में सिपाही की नौकरी करते थे तथा उन्नाव के रहने वाले थे| हाई स्कुल की शिक्षा के बाद आपने हिंदी, संस्कृत एवम बंगला का अध्ययन आपने स्वयं ही किया| बचपन में ही माँ का देहांत हो गया था तथा युवा होते-होते पिता जी का साथ भी छूट गया| प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत जो महामारी फैली, उसमे आपने अपनी पत्नी, चाचा, भाई तथा भाभी को भी गँवा दिया| इलाहबाद शहर से आपका नाता लम्बे समय तक बना रहा और १५ अक्टूबर सन १९७१ को इसी शहर के दारागंज मुहल्ले में अपने एक मित्र “रायसाहब” के घर के पीछे बने एक कमरे में अपने प्राण त्याग दिए|

आपने कई महत्वपूर्ण ग्रंथों का हिंदी में अनुवाद भी किया और हिंदी साहित्य में आपका विशेष स्थान है|

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