Site icon Praneta Publications Pvt. Ltd.

एक सच और

ek sach aur

सत्य को कितने भी नाम दें या उसे बदलने की कोशिश करें या उसकी सत्ता को पलटने को षड्यंत्र करें वह सनातनी अजर और अमर है. ‘एक सच और’ उक्त कथन की स्वीकृति को ही बलिष्ठता प्रदान करते हुए उसी सत्य को और दृढ़ता के साथ स्वीकृत भी करता है और प्रमाणित करता है.

ऐसे कितने सच हैं जो जाने तो गए पर माने ना गए, पहचाने तो गए पर अनजाने ही रहे. उसी की खोजबीन करने का साहस करती हैं ये कवितायेँ.

Exit mobile version