यह पुस्तक मुख्य रुप से बुद्ध की शिक्षाओं पर आधारित कहानियों का एक संकलन है। बुद्ध की शिक्षाएं आज के युग में भी उतनी ही शिक्षाप्रद और प्रासंगिक है जो आज से हजारों साल पहले थी।
बौद्धिक कहानियाँ बुद्ध के जीवन की सर्वोच्च शिक्षा जो कि लोटस सूत्र मानी जाती हैं उनमें से कुछ कहानियों का यह संकलन है। उन्होंने अपनी सारी शिक्षा को कहानियों में पिरोकर बहुत ही अच्छी तरह से मनुष्य को समझाया है।
समय के साथ समाज बदलता है और मनुष्य के रहने का जीवन भी। समय के साथ हर चीज बदलती रहती है। पर कुछ चीजें ऐसी है जो समय के साथ नहीं बदलती है और वह है प्रकृति के सार्वभौमिक नियम। प्रकृति के सार्वभौमिक नियम कभी नहीं बदलते। बुद्ध की शिक्षाएं भी प्रकृति के नियमों पर आधारित है जो नहीं बदलती।
प्रकृति का नियम सार्वभौमिक होता है। उसी तरह बुद्ध की शिक्षाएं सार्वभौमिक है। उन्होंने अपने जीवन में सत्य की खोज की और उसी को सब को बताया। उनकी शिक्षा का सार पा खण्ड और कर्मकाण्डों से हटकर सार्वभौमिक, सार्वजनिक, सार्वकालिक और सार्वदेशीय जो प्रकृति के नियमों पर आधारित है।
बुद्ध ने मनुष्य को किस तरह का समाज निर्माण करना चाहिए जिसमें मानव समाज में न्याय और समानता कायम रहे की जीवन भर शिक्षा दी। अपने जीवन के ४२ साल उन्होंने मानव कल्याण में उसकी सेवा में लगा दिया।
उनकी सारी शिक्षाएं पा खण्ड और अंधविश्वास से दूर वास्तविक सार्वभौमिक ज्ञान पर आधारित है। उनकी दी हुई शिक्षा का पालन कर मनुष्य अपना और प्रकृति के अन्य जीवों के साथ मैत्री भाव से कैसे संतुलन बना कर सुखी रह सकता है, के बारे में बताया है।
बुद्ध की लोटस सूत्र की कहानियाँ बाजार में बहुत कम मिलती हैं। इसलिए मैंने कुछ कहानियों को इस पुस्तक में अपने शब्दों में पेश करने की कोशिश किया है।
कुछ कहानियाँ जातक कथाओं से लिया है जिसे मैंने कई पुस्तकों से पढ़कर उसे सरल भाषा में पेश करने की कोशिश की है।
मैं पाठकों से आशा करता हूँ कि यह संरचना आप लोगों को पसंद आएगी।
– विजय सिंह कुशवाहा