मै देखता नहीं अरबाबे मालो ज़र की तरफ!
मेरी नज़र तो है मौला तेरी नज़र की तरफ!
यूँ एक कमरे में सोते हैं मेरे बच्चे सब,
न पाँव-पाँव की जानिब, न सर ही सर की तरफ!
मै देखता नहीं अरबाबे मालो ज़र की तरफ!
मेरी नज़र तो है मौला तेरी नज़र की तरफ!
यूँ एक कमरे में सोते हैं मेरे बच्चे सब,
न पाँव-पाँव की जानिब, न सर ही सर की तरफ!