देव दया कीजिए, भगवान् क्षमा कीजिए अब मत बाँटिये मौतें ! उजड़ गई हैं -बस्तियां ,पस्त हो गई हैं -हस्तियाँ ! कोरोना की मार से , डूब गई हैं कस्तियाँ ! चारों और चिपकी है चुप्पी ,खाली पड़ी हैं बस्तियां ! और खाती ख़ामोशी ने , उजाड़ डाली हैं मस्तियाँ ! देव - दो दया ,करो कृपा ,स्वीकारो प्रार्थना .... बिलख रहे हैं - खाली पड़े सिनेमा घर ! सो गए हैं -पांच सितारा होटलों के स्वर्ग ! सूनी पड़ी सड़कें ,कोस रही हैं महामारी को ! और उजड़ गए सेबों के उपवन रोते हैं आदमी को ! देव ,देवाधिदेव ...दो दर्शन ..... ताकि तुम मुझे गोली से मार दो ...? हा हा हा हा ......!! कृपाल .