महर्षि वेद व्यास पराशर मुनि और देवी सत्यवती के पुत्र थे. इन्हें आदि गुरु भी माना जाता है.
गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मॉस की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. गुरु पूर्णिमा के दिन कृष्ण द्वैप्याना व्यास का जन्म हुआ था जिन्होंने महाभारत की रचना की. इन्हें आदि गुरु भी माना जाता है. इन्होने वेद को जन मानस की समझ के लिए चार भागो में बांटा – साम वेद, ऋग वेद, अथर्व वेद और यजुर वेद. इन चारो वेदों की १८ पुराणों में व्याख्या की. इनको फिर १०८ उपनिषदों में समझाया. वेदांत सूत्र में वेदों का सार लिखा और भगवत गीता में भी समझाया. महाभारत को भी पांचवा वेद माना जाता है. गुरु व्यास की इन रचनाओं से आप उनकी विद्वता का अनुमान लगा सकते हैं.
गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागु पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय ||