Site icon Praneta Publications Pvt. Ltd.

मेहमान

बहुत ही बड़ा, सुन्दर और हर-भरा प्यारा सा पेड़ हो गया है। गमले में है.. पर गमला बहुत बड़ा है। बच्चे छोटे थे.. जब कभी नन्हा सा पौधा लगाया था।

अब तो ईश्वर की कृपा से अच्छा-खासा पेड़ बन, मेरी छत्त की शोभा बढ़ा रहा है। मेरे संग-संग यह सफ़ेद फूलों का प्यारा सा पेड़ और भी किसी को बहुत पसंद आ गया है.. वो है.. प्यारी नन्ही नीले रंग की छोटी सी चिड़िया।

मैं गौर तो बहुत दिनों से ही कर रही थी.. कि, फ़ुर्र से उड़कर यह नन्ही चिड़िया पेड़ के उस तरफ़ जाती कहाँ है। 

कई दिन लगातार देखते हुए, जब उस तरफ़ जाकर देखा, तो पेड़ की टहनी पर हरे-भरे पत्तों के नीचे प्यारा सा घोंसला पाया।

वाकई! में चिड़िया रानी ने मेहनत से प्यारा मकान तैयार कर डाला।

पेड़ भी सुंदर, घोंसला भी सुंदर, और नन्हें प्यारे मेहमान भी सुंदर।

अब दिन में चुपके से एक या दो बार अपने नए महमानों से ज़रूर मुलाकात करती हूँ.. कहीं डर कर छोड़ कर न चले जाएं, इसलिये अभी यह पहचान अपने तक ही सीमित रखी है।

Exit mobile version