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खेल

childhood outdoor games

आओ! सखी री!

खेलें खेल!

तोड़ दें पिट्ठू

मारकर गेंद

लाल टुकड़ा

था.. ईंट

का पाया

ख़ूब रगड़

सड़क पर

स्टापू बनाया

स्टोन गैलेरी

में भी

काम यह

आया

उसको भी

बना घिस

निपटाया

ख़ूब निपुण

थे! खेल

में हम भी

हर खेल

में नाम

था! ख़ूब

कमाया

पिट्ठू से

पहुँचे 

बैडमिंटन पर

रैकेट घुमा-घुमा

सबको नचाया

क्रिकेट में

भी कम

न थे..

मित्रों

लेग क्रिकेट

में नाम

कमाया

खो-खो

लास्टिक जम

कर खेले

खेलों के

भी वो

क्या थे.. मेले!

गिट्टों में

भी कम

न निकले

कक्षा में

गिट्टों का

शोर मचाया

पाँच-पाँच

गिट्टे चुप

से धर

बस्ते में

बुद्धिमान का

सिंहासन पाया

मस्ती का

वो रंग

न भूले

खेलों का वो

ढँग न भूले

उड़ती धूल

में अक्स

दिखा जो

बचपन का

हर खेल

फ़िर से

याद है

आया।

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