कोई पहचाने हाँ
मुड़ के है
जाने हाँ
सब मुड़ के
हैं देखें मेरी
कैट वॉक
ख़यालों की एक अलग ही दुनिया बस गयी थी हमारी.. बस! अपने-आप को आईने में देखे बगैर ही मॉडल बनने का सपना देख बैठे थे.. और सपना देखना तो बनता ही था.. आख़िर कॉलोनी के प्रेसिडेंट साहब जो घर पर आकर न्यौता दे गए थे।
बात दरअसल यह थी.. कि पन्द्रह अगस्त की शाम को कॉलोनी के पार्क में ही रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन होने वाला था .. जिसमें महिलाओं के लिए यह स्पेशल प्रतियोगिता फैशन शो का आयोजन भी था.. और कॉलोनी की सभी गृहणियों को इस प्रतियोगिता में शामिल होना ही था।
हम किसी से कम नहीं हैं.. या फ़िर हम ही हैं.. वाला ख़याल लिए.. जबरन के मॉडल बनते हुए.. काँच के आगे रैंप वॉक की प्रैक्टिस करने लगे थे।
सबके घर से चले जाने बाद.. गाना वगरैह लगाकर कैट वॉक की प्रैक्टिस में मशगूल हो चले थे.. यह बात की हम कॉलोनी की टॉप मॉडल का खिताब जीतने वाले हैं.. घर वालों से भी छुपा कर रखी थी..
अपनी तरफ़ से जमकर तैयारी हो गयी थी.. और प्रतियोगिता का दिन भी आ गया था..
घर वालों के लिए यह एक सरप्राइज आइटम था.. हैरान हो गए थे.. हमें देखकर जब हम बैक स्टेज से अपने ही अंदाज़ में कैट वॉक करते हुए.. आगे बढ़े थे।
वॉक-शाक तो ठीक ही किया था.. प्रोफेशनल मॉडल थोड़े ही थे..
” बस! थोड़ा आप तेज़ चलीं.. कैट वॉक में धीरे चलते हैं.. आप थोड़ा तेज़ी से चल रहीं थीं!”।
बच्चों ने अपनी राय देते हुए.. कहा था।
फ़िर भी कुछ भी कहो! हमारी प्रैक्टिस यूँहीं नहीं गई थी.. Mrs इंद्रप्रस्थ का ख़िताब हमें ही मिला था.. जो कि हमारी कॉलोनी का नाम था।
क्राउन पहनकर मॉडल के अंदाज़ में स्टेज पर खड़े होने का यह एक्सपीरियंस ही कुछ और था..
काश! कि बीते हुए.. वक्त पर थोड़ा ध्यान दिया होता.. अपने-आप को और अपनी प्रतिभा को समझते हुए.. अपना जीवन सँवारा होता।