पत्थर की नारी हो तो
पूजे है सब कोई।
हांड माँस की नारी देखे,
तो जाने क्या होई।
वैसी ही है वो तो रे
जैसे तेरी माँ ,बहना।
लूटे लाज उसी की,
और तुझे क्या कहना।
छोटी छोटी बच्चिया
बचती नही यहा तो।
कहां छुपा ले इन को
तू ही जरा बता तो।
बात सोचने की है
है जिम्मेदारी भारी।
सम्मान करो नारी का।
क्यू गई मति मारी।